इंद्रजाल
From जैनकोष
क्षण में एक, क्षण में अनेक, क्षण में पास, क्षण में दूर, ऐसी विलक्षण क्रियाओं से युक्त इंद्र का नृत्य । महापुराण 14.131
क्षण में एक, क्षण में अनेक, क्षण में पास, क्षण में दूर, ऐसी विलक्षण क्रियाओं से युक्त इंद्र का नृत्य । महापुराण 14.131