उत्तरित
From जैनकोष
कायोत्सर्ग का एक अतिचार
अनगारधर्मामृत/8/115-121 लंबितं नमनं मूर्ध्न स्तस्योत्तरितमुन्नमः। ...... ।121।
=शिर को ऊपर को उठाकर खड़े होना उत्तरित दोष है।
- देखें व्युत्सर्ग - 1।
कायोत्सर्ग का एक अतिचार
अनगारधर्मामृत/8/115-121 लंबितं नमनं मूर्ध्न स्तस्योत्तरितमुन्नमः। ...... ।121।
=शिर को ऊपर को उठाकर खड़े होना उत्तरित दोष है।
- देखें व्युत्सर्ग - 1।