उद्धभाषण
From जैनकोष
सत्यव्रत की पांच भावनाओं में एक भावना-प्रशस्तवचन बोलना― आगमानुकूल वचन बोलना । इसे अनुवीचिभाषण भी कहते हैं । हरिवंशपुराण - 58.119
सत्यव्रत की पांच भावनाओं में एक भावना-प्रशस्तवचन बोलना― आगमानुकूल वचन बोलना । इसे अनुवीचिभाषण भी कहते हैं । हरिवंशपुराण - 58.119