उपासक
From जैनकोष
श्रावक । महापुराण 8.206 प्रतिमाओं के भेद से इसके ग्यारह भेद होते हैं । श्रुत के सातवें अंग उपासकाध्ययन में इसकी पूर्ण विवेचना की गयी है । महापुराण 10.158-161, 34.133, 141 देखें अंग
श्रावक । महापुराण 8.206 प्रतिमाओं के भेद से इसके ग्यारह भेद होते हैं । श्रुत के सातवें अंग उपासकाध्ययन में इसकी पूर्ण विवेचना की गयी है । महापुराण 10.158-161, 34.133, 141 देखें अंग