उष्ण योनि
From जैनकोष
तत्त्वार्थसूत्र/2/32
सचित्तशीतसंवृताः सेतरा मिश्राश्चैकशस्तद्योनयः ।
= सचित, शीत और संवृत तथा इनकी प्रतिपक्षभूत अचित, उष्ण और विवृत तथा मिश्र अर्थात् सचित्तचित्त, शीतोष्ण और संवृत-विवृत ये उसकी अर्थात् जन्म की योनियाँ हैं ।32।
अधिक जानकारी के लिये देखें योनि - 1।