कनकनंदि
From जैनकोष
- आप इंद्रनंदि सिद्धांत चक्रवर्ती के शिष्य तथा नेमिचंद्र सिद्धांत चक्रवर्ती के सहधर्मा थे। कृति–50 गाथा प्रमाण सत्व स्थान त्रिभंगी नामक ग्रंथ। समय–इंद्रनंदि के अनुसार लगभग वि.996 (ई. 939) देखें इंद्रनंदि ( गोम्मटसार कर्मकांड 396 ) (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरी /2/450) (जैन साहित्य इतिहास/1/383, 442)
- नंदि संघ के देशीयगण के अनुसार आप माघनंदि कोल्लापुरीय के शिष्य थे। इन्होंने बौद्ध चार्वाक व मीमांसकों को अनेकों वादों में परास्त किया। समय-ई.1133-1163।–देखें इतिहास - 7.5। (षट्खडागम 2/प्रस्तावना 4/H.L.Jain).