काली
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
- भगवान् पुष्पदंत की शासक यक्षिणी–तीर्थंकर/5/3
- एक विद्या–देखें विद्या ।
पुराणकोष से
(1) साकेत नगर के निवासी ब्राह्मण कपिल की पत्नी और जटिल की जननी । महापुराण 74.68, वीरवर्द्धमान चरित्र 2.105-108(2) एक देवी । पूर्वजन्म में यह सर्पिणी थी । किसी विजातीय सर्प के साथ रमण करते हुए देखकर जयकुमार के सेवकों ने सर्प और सर्पिणी दोनों को बहुत दंड दिया था जिससे मरकर नाग तो गंगा नदी में इस नाम का जल-देवता हुआ और नागी काली देवी हुई । काली देवी ने मगर का रूप धरकर जहाँ सरयू नदी गंगा में मिलती है वहाँ जयकुमार के तैरते हुए हाथी को पूर्व वैरवश पकड़ा था जिसे सुलोचना के त्याग से प्रसन्न हुई गंगादेवी ने इससे मुक्त कराया था । महापुराण 43. 92-95, 45. 144-149 पांडवपुराण 3.5-13, 160-168
(3) विद्याधरों की एक विद्या । हरिवंशपुराण - 22.66