कुदृष्टि
From जैनकोष
मिथ्यादृष्ट जीव । ये मिथ्यादर्शन से युक्त होने के कारण सद् धर्म का स्वरूप नहीं समझ पाते । फलत इन्हें कुयोनियां मिलती है । पद्मपुराण - 5.202-203
मिथ्यादृष्ट जीव । ये मिथ्यादर्शन से युक्त होने के कारण सद् धर्म का स्वरूप नहीं समझ पाते । फलत इन्हें कुयोनियां मिलती है । पद्मपुराण - 5.202-203