कूटागार
From जैनकोष
समवसरण मे दूसरे कोट के भीतर गोपुर द्वारों के आगे विद्यमान बहुशिखरी भवन । देव, गंधर्व, विद्याधर, नागकुमार और किन्नर जाति के देवों का क्रीड़ाभूमि । सामंतों और राजाओं के निवास भवन । महापुराण 22.239,260-261
समवसरण मे दूसरे कोट के भीतर गोपुर द्वारों के आगे विद्यमान बहुशिखरी भवन । देव, गंधर्व, विद्याधर, नागकुमार और किन्नर जाति के देवों का क्रीड़ाभूमि । सामंतों और राजाओं के निवास भवन । महापुराण 22.239,260-261