कूर्मी
From जैनकोष
राजपुर नगर के ब्राह्मण ब्रह्मरुचि की गर्भवती भार्या । मुनि का उपदेश सुनकर इसके पति ने दीक्षा धारण कर ली थी और यह भी दसवें मास में पुत्र को जन्म देने के पश्चात् उसे वन में छोड़कर आलोक नगर में इंदुमालिनी आर्यिका के पास आर्यिका हो गयी थी । पद्मपुराण - 11.117-150