कोष्ठबुद्धि
From जैनकोष
(1) एक ऋद्धि । गौतम गणधर इस ऋद्धि के धारक थे । इस ऋद्धि से इनको अनेक पदार्थों का ज्ञान था । महापुराण 2.167, 11. 80-81, 36.16
(2) एक बोध-विद्या । यह मतिज्ञान की बुद्धि होने से उत्पन्न होती है । महापुराण 14.182, 36.146
(1) एक ऋद्धि । गौतम गणधर इस ऋद्धि के धारक थे । इस ऋद्धि से इनको अनेक पदार्थों का ज्ञान था । महापुराण 2.167, 11. 80-81, 36.16
(2) एक बोध-विद्या । यह मतिज्ञान की बुद्धि होने से उत्पन्न होती है । महापुराण 14.182, 36.146