क्षत्रिय-न्याय
From जैनकोष
क्षत्रियों का न्याय यह है कि वे धर्म का उल्लंघन न करें, धन का अर्जन करें, उसकी रक्षा और वृद्धि करें तथा पात्र में उसका विनियोजन करें । महापुराण 42.13-14
क्षत्रियों का न्याय यह है कि वे धर्म का उल्लंघन न करें, धन का अर्जन करें, उसकी रक्षा और वृद्धि करें तथा पात्र में उसका विनियोजन करें । महापुराण 42.13-14