गर्दभिल्ल
From जैनकोष
मगधदेश की राज्य वंशावली के अनुसार यह शक जाति का एक सरदार था, जिसने मौर्यकाल में ही मगधदेश के किसी भागपर अपना अधिकार जमा लिया था। इसका असली नाम गंधर्व था। गर्दभी विद्या जानने के कारण गर्दभिल्ल नाम पड़ गया था। इसी कारण हरिवंशपुराण/60/489 में गर्दभ शब्द का पर्यायवाची रासभ शब्द इस नाम के स्थान पर प्रयोग किया गया है। इनका समय वी.नि.345-445, (ई.पू.182-82) है। (इतिहास/3/4) परंतु ( कषायपाहुड़/1/65/ पं.महेंद्र कुमार) के अनुसार वि.पू. या 13 ई.पू. 13 अनुमान किया जाता है।