गुरुदक्षिणा
From जैनकोष
शिक्षा-समाप्ति के पश्चात् शिष्य के द्वारा गुरु की आज्ञानुसार दी जाने वाली दक्षिणा । यह दक्षिणा शिष्य के पास धरोहर के रूप में भी रहती थी और आवश्यकता होने पर शिष्य से ले ली जाती थी । हरिवंशपुराण - 17.79-81
शिक्षा-समाप्ति के पश्चात् शिष्य के द्वारा गुरु की आज्ञानुसार दी जाने वाली दक्षिणा । यह दक्षिणा शिष्य के पास धरोहर के रूप में भी रहती थी और आवश्यकता होने पर शिष्य से ले ली जाती थी । हरिवंशपुराण - 17.79-81