गृहत्यागक्रिया
From जैनकोष
गर्भान्वय की त्रेपन क्रियाओं में बाईसवीं तथा दीक्षान्वय की अड़तालीस क्रियाओं में सत्रहवीं क्रिया । इस क्रिया में सिद्ध भगवान् का पूजा के पश्चात् इष्ट जनों के समक्ष पुत्र को सब कुछ समर्पित करके गृहत्याग किया जाता है । महापुराण 38.57, 150.156, 39.76