घ्राण
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
तत्त्वार्थसूत्र 2/15,16,19
पंचेन्द्रियाणि ॥15॥ द्विविधानि ॥16॥ स्पर्शनरसनघ्राणचक्षुः श्रोत्राणि ॥19॥
= इंद्रियाँ पाँच हैं ॥15॥ वे प्रत्येक दो-दो प्रकार की हैं ॥16॥ स्पर्शन, रसन, घ्राण, चक्षु और श्रोत्र ये इंद्रियाँ हैं ॥19॥
( राजवार्तिक 9/17/11/603/29 )
सर्वार्थसिद्धि 2/16/179/1
कौ पुनस्तौ द्वौ प्रकारौ द्रव्येन्द्रियभावेन्द्रियमिति।
= प्रश्न - वे दो प्रकार कौन-से हैं? उत्तर - द्रव्येन्द्रिय और भावेन्द्रिय
देखें इंद्रिय - 1।
पुराणकोष से
नासिका । पाँच इंद्रियों में तीसरी इंद्रिय । इंद्रिय जय के प्रसंग में इस इंद्रिय के विषय गंध पर भी विजय प्राप्त की जाती है । पद्मपुराण - 14.113