चारणप्रिय
From जैनकोष
प्रमद वन के सात वनों में पाँचवां वन । यह वन पापापहारी है । इसमें चारणऋद्धिधारी मुनिराज स्वाध्याय-रत रहते हैं । पद्मपुराण - 46.141-143, 150
प्रमद वन के सात वनों में पाँचवां वन । यह वन पापापहारी है । इसमें चारणऋद्धिधारी मुनिराज स्वाध्याय-रत रहते हैं । पद्मपुराण - 46.141-143, 150