छंदन
From जैनकोष
मूलाचार/131-138 ..... गणधरवसभादीणं अणुवुत्तिं छंदणिच्छाए।137। ....।138। =..... ग्रहण किये हुए पुस्तकादि उपकरणों में, विनय काल में, वंदना-सूत्र के अर्थ को पूछना इत्यादिक में आचार्य आदि की इच्छा के अनुकूल वर्तना छंदन है।137। .....।138।
अधिक जानकारी के लिये देखें समाचार ।