छेदोपस्थापक
From जैनकोष
योगसार/अमितगति 8/9 प्रव्रज्यादायक: सूरि: संयतानां निगीर्यते। निर्यापका: पुन: शेषाश्छेदोपस्थापका मता:।9। =जो मुनि इतर मुनियों को दीक्षा प्रदान करता है वह आचार्य कहा जाता है और शेष मुनि छेदोपस्थाक कहे जाते हैं। (विशेष देखो छेदोपस्थापना) (देखें निर्यापक - 2)।