जघन्य सिंहनिष्क्रीडित
From जैनकोष
एक व्रत । इसमें उपवास और पारणाओं का क्रम निम्न प्रकार रहता है―
उपवास | पारणा |
---|---|
1 | 1 |
2 | 1 |
1 | 1 |
2 | 1 |
1 | 1 |
3 | 1 |
2 | 1 |
4 | 1 |
3 | 1 |
5 | 1 |
4 | 1 |
5 | 1 |
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4 | 1 |
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3 | 1 |
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2 | 1 |
3 | 1 |
1 | 1 |
2 | 1 |
1 | 1 |
कूल 60 | 20 |
एक व्रत । इसमें उपवास और पारणाओं का क्रम निम्न प्रकार रहता है―
उपवास | पारणा |
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1 | 1 |
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1 | 1 |
3 | 1 |
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4 | 1 |
3 | 1 |
5 | 1 |
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