जलगता चूलिका
From जैनकोष
धवला 1/1,1,2/113/2 जलगया...जलगमण-जलत्थंभण कारण-मंत-तंत-तवच्छरणाणि वण्णेदि। .... = जलगता चूलिका जल में गमन, जलस्तंभन के कारणभूत मंत्र, तंत्र और तपश्चर्या रूप अतिशय आदि का वर्णन करती है। ....
द्वादशांग श्रुतज्ञान का एक भेद–देखें श्रुतज्ञान - III.2.2।