ज्योतिरंग
From जैनकोष
भोगभूमि में विद्यमान दस प्रकार के कल्पवृक्षों में प्रकाश देने वाले रत्न-निर्मित कल्पवृक्ष । ये प्रकाशमान कांति के धारक होते हैं तथा सदैव प्रकाश फैलाते रहते हैं । महापुराण 3.39,56,80,9 35-36, 43, हरिवंशपुराण - 7.80-81, वीरवर्द्धमान चरित्र 18.91-92