तत्त्वज्ञान तरंगिनी
From जैनकोष
आचार्य ज्ञानभूषण (ई.1447-1495) द्वारा रचित शुद्ध चैतन्य प्रतिपादक ग्रंथ है। इसमें 17 अधिकार हैं तथा कुल 536 श्लोक हैं (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/3/352)।
आचार्य ज्ञानभूषण (ई.1447-1495) द्वारा रचित शुद्ध चैतन्य प्रतिपादक ग्रंथ है। इसमें 17 अधिकार हैं तथा कुल 536 श्लोक हैं (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/3/352)।