कषायपाहुड़ 1/1,16/311/343/26 विशेषार्थ –जिस पर्याय में केवलज्ञान प्राप्त हुआ उसी पर्याय में स्थित केवली को तद्भवस्थ केवली कहते हैं और सिद्ध जीवों को सिद्ध केवली कहते हैं।
अधिक जानकारी के लिये देखें केवली - 1।
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