तर्क
From जैनकोष
- तर्क का लक्षण
तत्त्वार्थाधिगमभाष्य/1/15 ईहा, ऊहा तर्क: परीक्षा विचारणा जिज्ञासा इत्यनर्थांतरम् ।=ईहा, ऊहा, तर्क, परीक्षा, विचारणा और जिज्ञासा यह सब शब्द एक अर्थ वाले हैं।
श्लोकवार्तिक/3/1/13/119/268/22 साध्यसाधनसंबंधाज्ञानविवृत्तिरूपे साक्षात् स्वार्थनिश्चयने फले साधकतमस्तर्क:। =साध्य और साधन के अविनाभावरूप संबंध के अज्ञान की निवृत्ति करना रूप स्वार्थ निश्चयस्वरूप अव्यवहित फल को उत्पन्न करने में जो प्रकृष्ट उपकारक है, उसे तर्क कहते हैं। परीक्षामुख/3/11-13 उपलंभानुपलंभनिमित्तं व्याप्तिज्ञानसमूह:।11। इदमस्मिन्सत्येव भवत्यसति न भवत्येवेति च।12। यथाग्नावेव धूमस्तदभावे न भवत्येवेति च।13। =उपलब्धि और अनुपलब्धि की सहायता से होने वाले व्याप्तिज्ञान को तर्क कहते हैं, और उसका स्वरूप है कि इसके होते ही यह होता है इसके न होते होता ही नहीं, जैसे अग्नि होते ही धुआँ होता है और अग्नि के न होते होता ही नहीं है।
न्यायदीपिका/3/15-16/62/1 व्याप्तिज्ञानं तर्क:। साध्यसाधनयोर्गम्यगमकभावप्रयोजको व्यभिचारगंधासहिष्णु: संबंधविशेषो व्याप्तिरबिनाभाव इति च व्यपदिश्यते। तत्सामर्थ्यात्खल्वग्न्यादि धूमादिरेव गमयति न तु घटादि; तदभावात् । तस्याश्चाविनाभावापरनाम्न्या: व्याप्ते:; प्रमितौ यत्साधकतमं तदिदं तर्काख्यं प्रमाणमित्यर्थ:। ...यत्र यत्र धूमवत्त्वं तत्र तत्राग्निमत्त्वमिति। =व्याप्ति के ज्ञान को तर्क कहते हैं। साध्य और साधन में गम्य और गमक (बोध्य और बोधक) भाव का साधक और व्यभिचारी की गंध से रहित जो संबंध विशेष है, उसे व्याप्ति कहते हैं। उसी को अविनाभाव भी कहते हैं। उस व्याप्ति के होने से अग्नि आदि को धूमादिक ही जनाते हैं, घटादिक नहीं। क्योंकि घटादिक की अग्नि आदि के साथ व्याप्ति नहीं है। इस अविनाभाव रूप व्याप्ति के ज्ञान में जो साधकतम है वह यही तर्क नाम का प्रमाण है।...उदाहरण–जहाँ जहाँ धूम होता है वहाँ वहाँ अग्नि होती है। स्याद्वादमंजरी/28/321/27 उपलंभानुपलंभसभवं त्रिकालीकलितसाध्यसाधनसंबंधाद्यालंबनमिदमस्मिं सत्येव भवतीत्याद्याकारं संवेदनमूहस्तर्कापरपर्याय:। यथा यावान् कश्चिद् धूम: स सर्वो वह्नौ सत्येव भवतीति तस्मिन्नसति असौ न भवत्येवेति वा। =उपलंभ और अनुपलंभ से उत्पन्न तीन काल में होने वाले साध्य साधन के संबंध आदि से होने वाले, इसके होने पर यह होता है, इस प्रकार के ज्ञान को ऊह अथवा तर्क कहते हैं जैसे–अग्नि के होने पर ही धूम होता है, अग्नि के न होने पर धूम नहीं होता है। - तर्काभास का लक्षण
परीक्षामुख/6/10/55 असंबद्धे तज्ज्ञानं तर्काभासं।10। =जिन पदार्थों का आपस में संबंध नहीं उनका संबंध मानना तर्काभास है। - तर्क में पर समय की मुख्यता से व्याख्यान होता है
द्रव्यसंग्रह टीका/44/192/4 तर्के मुख्यवृत्त्यापरसमयव्याख्यानं। =तर्क में मुख्यता से अन्य मतों का व्याख्यान होता है। - अन्य संबंधित विषय
- मतिज्ञान के तर्क प्रत्यभिज्ञान आदि भेद व इनकी उत्पत्ति का क्रम।–देखें मतिज्ञान - 3।
- आगम प्रमाणों में तर्क नहीं चलता।–देखें आगम - 6
- आगम सुतर्क द्वारा बाधित नहीं होता।–देखें आगम - 5
- आगम विरुद्धतर्क तर्क ही नहीं।–देखें आगम - 5
- तर्क आगम व सिद्धांतों में अंतर।–देखें पद्धति
- स्वभाव में तर्क नहीं चलता।–देखें स्वभाव - 2