तुंगीगिरि
From जैनकोष
एक पर्वत । यहाँ जरत्कुमार तथा पांडवों के साथ बलदेव ने कृष्ण का दाह-संस्कार किया था । जरत्कुमार ने राज्य और परिग्रह के त्याग का निश्चय इसी पर्वत पर किया था तथा यही मुनिदीक्षा ली थी । हरिवंशपुराण - 63.72-74, पांडवपुराण 22.29
एक पर्वत । यहाँ जरत्कुमार तथा पांडवों के साथ बलदेव ने कृष्ण का दाह-संस्कार किया था । जरत्कुमार ने राज्य और परिग्रह के त्याग का निश्चय इसी पर्वत पर किया था तथा यही मुनिदीक्षा ली थी । हरिवंशपुराण - 63.72-74, पांडवपुराण 22.29