त्रिकरण
From जैनकोष
- भरतक्षेत्र का एक पर्वत–देखें मनुष्य - 4।
- विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर–देखें मनुष्य - 4।
- पूर्व विदेह का एक वक्षार उसका एक कूट तथा रक्षकदेव–देखें लोक - 7।
- पूर्व विदेहस्थ आत्मांजन वक्षार का एक कूट व उसका रक्षकदेव–देखें लोक - 7।
- अध:करण आदि–देखें करण - 3।