दीपालिका
From जैनकोष
दीपावली-एक महान पर्व । चौथे काल के तीन वर्ष साढ़े आठ मास शेष रहने पर स्वाति नक्षत्र में कार्तिक अमावस्या के दिन प्रात: तीर्थंकर महावीर का निर्वाण होने से चारों निकायों के देवों द्वारा पावा नगरी में दीप जलाये गये थे । तभी से महावीर के निर्वाणकल्याणक की स्मृति में कार्तिक अमावस्या की रात में भारत में दीप जलाये जाने लगे और दीपावली के नाम से एक उत्सव मनाया जाने लगा । हरिवंशपुराण - 66.16-21