दुःश्रुति
From जैनकोष
अनर्थदंडव्रत का एक भेद । इसके पालन में हिंसा तथा राग आदि की वर्धक कथाओं तथा पापबंध की कारणभूत शिक्षाओं का श्रवण निषिद्ध है । हरिवंशपुराण - 58.146, 152
अनर्थदंडव्रत का एक भेद । इसके पालन में हिंसा तथा राग आदि की वर्धक कथाओं तथा पापबंध की कारणभूत शिक्षाओं का श्रवण निषिद्ध है । हरिवंशपुराण - 58.146, 152