दृश्यक्रम
From जैनकोष
क्षपणासार/480 अपूर्व स्पर्धक करण काल का प्रथमादि समयनिविषै दृश्य कहिये देखने में आवै ऐसा परमाणूनिका प्रमाण ताका अनुक्रम सो दृश्यक्रम कहिये। (तहाँ पूर्व में जो नवीन देय द्रव्य मिलकर कुल द्रव्य होता है वह द्रव्य द्रव्य जानना।) प्रथम वर्गणा से लगाय अंतिम वर्गणा पर्यंत एक एक चय या विशेष घटता दृश्य चय होता है, तातै प्रथम वर्गणातै लगाय पूर्व स्पर्धनिको अंतिम वर्गणा पर्यंत एक गौपुच्छा भया।