धर्ममति
From जैनकोष
(1) कौशांबी नगरी के सेठ सुभद्र और सेठानी सुमित्रा की पुत्री । इसने जिनमति आर्यिका के पास जिनगुण नाम का तप ग्रहण किया । तप करते हुए यह मरकर महाशुक्र स्वर्ग में इंद्राणी हुई थी । हरिवंशपुराण - 60.101-102
(2) सौधर्मेंद्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 25.115