नंदाढ्य
From जैनकोष
सेठ गंधोत्कट और उसकी श्री नंदा का पुत्र । गायों के अपहर्ता कालकूट से गायों के विमोचक को गोपेंद्र और गोपश्री की पुत्री गोदावरी दिये जाने के लिए की गयी राजा काष्ठांगारिक की घोषणा के अनुसार जीवंधर कुमार ने कालकूट को जीतकर नंदाढ्य के द्वारा गायें मुक्त कराये जाने का संदेश भेजा था । फलस्वरूप घोषणा के अनुसार इसे उक्त कन्या प्राप्त हुई थी । वनराज द्वारा हरी हुई श्रीचंद्रा कन्या भी इसे ही विवाही गयी थी । महापुराण 75.261, 287-300, 520-521