नंदीश्वर पंक्तिव्रत
From जैनकोष
एक अंजनगिरि का एक बेला, 4 दधिमुख के 4 उपवास और आठ दधिमुख के 8 उपवास। इस प्रकार चारों दिशाओं संबंधी 4 बेला व 48 उपवास करे। बीच के 52 स्थानों मे एक-एक पारणा करे। इस प्रकार यह व्रत कुल 108 दिन में पूरा होता है। ‘ॐ ह्रीं नंदीश्वरद्वीपस्य द्वापंचाशज्जिनालयेभ्यो नम:’ इस मंत्र का त्रिकाल जाप्य करे। (हरिवंशपुराण/34/84), (वसुनंदी श्रावकाचार/373-375), (व्रतविधान संग्रह/पृ.117), (किशनसिंह क्रियाकोश)