नव-पुण्य
From जैनकोष
दाताओं के नौ पुण्य-(नवधाभक्ति)—1. मुनियों की पड़गाहना 2. उन्हें ऊँचे स्थान पर विराजमान करना 3. उनके चरण धोना 4. उनकी पूजा करना 5. उन्हें नमस्कार करना 6-9 मनशुद्धि, वचनशुद्धि, कायशुद्धि और आहारशुद्धि बोलना । महापुराण 20. 86-87, हरिवंशपुराण - 9.199-200