नांदी
From जैनकोष
(1) छठा बलभद्र । हरिवंशपुराण - 60.290
(2) नाटक के आदि में गेय एक मंगल गान । इसके पश्चात् ही नाटक के पात्र रंगभूमि में प्रवेश करते हैं । महापुराण 14.107
(1) छठा बलभद्र । हरिवंशपुराण - 60.290
(2) नाटक के आदि में गेय एक मंगल गान । इसके पश्चात् ही नाटक के पात्र रंगभूमि में प्रवेश करते हैं । महापुराण 14.107