निर्मम
From जैनकोष
नियमसार / तात्पर्यवृत्ति/43 प्रशस्ताप्रशस्तसमस्तमोहरागद्वेषाभावान्निर्मम:। =प्रशस्त व अप्रशस्त समस्त प्रकार के मोह राग व द्वेष का अभाव होने से आत्मा निर्मम है। मोक्षपाहुड़/ टी./12/312/12 निर्ममो ममत्वरहित:, ममेति अदंतोऽव्यय शब्द:। निर्गतं ममेति परिणामो यस्येति निर्मम:।=निर्मम अर्थात् ममत्वरहित। ‘मम’ यह एक अदंत अव्यय शब्द है। ‘मम’ जिसमें से निकल गया है ऐसा परिणाम जिसके वर्तता है, वह निर्मम है।