नीलकंठ
From जैनकोष
(1) शकटामुख नगर के राजा नीलवान् का पौत्र और नील का पुत्र । हरिवंशपुराण - 23.3
(2) आगामी तीसरा प्रतिनारायण । हरिवंशपुराण - 60.570
(3) एक विद्याधर राजा । यह त्रिशिखर विद्याघर का सहायक था । त्रिशिखर ने वसुदेव के श्वसुर विद्युद्वेग को कारागृह में डाल दिया था वसुदेव ने त्रिशिखर के साथ युद्ध करके अपने श्वसुर को छुड़ा लिया था । इस युद्ध में नीलकंठ भी हारा था । इस युद्ध में हारे हुए नीलकंठ ने एक बार अपनी विद्या से वसुदेव का हरण किया पर वह उसे नहीं ले जा सका । उसने उसको आकाश में छोड़ दिया था । हरिवंशपुराण - 25.63,हरिवंशपुराण - 25.31.4