न्याय भागमत समुच्चय
From जैनकोष
चंद्रप्रभ काव्य के द्वितीय सर्ग पर पं.जयचंद छाबड़ा (ई.1763-1829) द्वारा भाषा में रचित एक न्याय विषयक ग्रंथ।
चंद्रप्रभ काव्य के द्वितीय सर्ग पर पं.जयचंद छाबड़ा (ई.1763-1829) द्वारा भाषा में रचित एक न्याय विषयक ग्रंथ।