पंचगुरु
From जैनकोष
अर्हत्, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय और साधु । ये अतीत की अपेक्षा अनंत वर्तमान की अपेक्षा संख्यात तथा भविष्यतकाल की अपेक्षा अनंतानंत है । हरिवंशपुराण - 1.27-28
अर्हत्, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय और साधु । ये अतीत की अपेक्षा अनंत वर्तमान की अपेक्षा संख्यात तथा भविष्यतकाल की अपेक्षा अनंतानंत है । हरिवंशपुराण - 1.27-28