पंचमीव्रत
From जैनकोष
पाँच वर्ष तक प्रतिवर्ष भाद्रपद शु० ५ को उपवास तथा नमस्कारमन्त्र का त्रिकाल जाप। (व्रतनिधान सं./८५) (किशनसिंह क्रियाकोश)
पाँच वर्ष तक प्रतिवर्ष भाद्रपद शु० ५ को उपवास तथा नमस्कारमन्त्र का त्रिकाल जाप। (व्रतनिधान सं./८५) (किशनसिंह क्रियाकोश)