पद्मोत्तमा
From जैनकोष
चंद्राभ नगर के राजा तथा उसकी रानी तिलोत्तमा की पुत्री । सर्प द्वारा काटे जाने पर जीवंधरकुमार द्वारा इसका विष दूर किया गया था । राजा ने जीवंधर के इस कार्य से प्रभावित होकर इसका जीवंधर के साथ विवाह कर दिया या । महापुराण 75.391-400