परिनिर्वाण
From जैनकोष
एक व्रत । इसकी साधना के लिए प्रतिवर्ष भादों सुदी सप्तमी को उपवास किया जाता है । इससे अनंत सुख रूप फल प्राप्त होता है । हरिवंशपुराण - 34.127
एक व्रत । इसकी साधना के लिए प्रतिवर्ष भादों सुदी सप्तमी को उपवास किया जाता है । इससे अनंत सुख रूप फल प्राप्त होता है । हरिवंशपुराण - 34.127