पांचजन्य
From जैनकोष
(1) पंचमुखी शंख । यह लक्ष्मण को प्राप्त रत्नों में एक रत्न था । महापुराण 68.676-677
(2) कंस के यहाँ प्रकट हुआ एक शंख । इस शंख की मेघ के समान गर्जना होती थी । कंस से ही यह शंख कृष्ण को प्राप्त हुआ था । यह उनके सात रत्नों में एक रत्न था । हरिवंशपुराण - 1.112, 35. 72, 53. 49.50, पांडवपुराण 22.4