पारिग्राहिकी-क्रिया
From जैनकोष
सांपरायिक आस्रव की पच्चीस क्रियाओं में एक क्रिया । यह परिग्रह में प्रवृत्ति कराने वाली होती है । हरिवंशपुराण - 58.60, 80
सांपरायिक आस्रव की पच्चीस क्रियाओं में एक क्रिया । यह परिग्रह में प्रवृत्ति कराने वाली होती है । हरिवंशपुराण - 58.60, 80