प्रतिमायोग
From जैनकोष
कायोत्सर्ग मुद्रा । इसमें प्रतिमा के समान नग्न खड़े होकर ध्यान किया जाता है । यह अधातिया कर्मों की घातिनी योगावस्था है । ध्यान की इस मुद्रा का आरंभ वृषभदेव ने किया था । महापुराण 18.90, 39.52, पद्मपुराण - 9.107-108, 127, हरिवंशपुराण - 9.135, वीरवर्द्धमान चरित्र 19.221