प्रावार
From जैनकोष
बहुमूल्य उत्तरीय वस्त्र । यह रेशमी होता है । इसे दुशाला भी कहते हैं । भोगभूमि में ये वस्त्रांग जाति के कल्पवृक्षों से प्राप्त होते हैं । महापुराण 9.48
बहुमूल्य उत्तरीय वस्त्र । यह रेशमी होता है । इसे दुशाला भी कहते हैं । भोगभूमि में ये वस्त्रांग जाति के कल्पवृक्षों से प्राप्त होते हैं । महापुराण 9.48