बारस अणुवेक्खा
From जैनकोष
आचार्य कुंदकुंद (ई. 127-179) कृत वैराग्य विषयक 91 प्राकृत गाथाओं में निबद्ध ग्रंथ है । इस ग्रंथ में बारह वैराग्य भावनाओं का कथन है । इस पर कोई टीका उपलब्ध नहीं है । (ती./2/114) ।
आचार्य कुंदकुंद (ई. 127-179) कृत वैराग्य विषयक 91 प्राकृत गाथाओं में निबद्ध ग्रंथ है । इस ग्रंथ में बारह वैराग्य भावनाओं का कथन है । इस पर कोई टीका उपलब्ध नहीं है । (ती./2/114) ।