बूचीराज
From जैनकोष
- शुभचंद्र सिद्धांतिक के शिष्य एक गृहस्थ । समय शक 1015-1037 (ई. 1093-1115) । ( धवला 2/ प्र.11) ।
- अपभ्रंश कवि । कृतिएँ - मयणजुज्झ (मदनयुद्ध); संतोष तिलक जयमाल, चेतनपुद्गल धमाल, टंडाणागीत इत्यादि । समय - दि. 1589 (ई. 1532) । (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परम्परा/4/230) ।