भर्तृप्रपंच
From जैनकोष
वेदांत ग्रंथों के टीकाकार थे। यह वैश्वानर के उपासक थे। ब्रह्म के पर व अपर दोनों भेदों को सत्य मानते थे। समय–ई. श. 7 (स.म./परि.च./440)।
वेदांत ग्रंथों के टीकाकार थे। यह वैश्वानर के उपासक थे। ब्रह्म के पर व अपर दोनों भेदों को सत्य मानते थे। समय–ई. श. 7 (स.म./परि.च./440)।