भवप्रत्यय
From जैनकोष
अवधिज्ञान के दो भेदों में से प्रथम भेद । इसके होने में भव निमित्त होता है । स्वर्ग और नरक में उत्पन्न होने वालों के भी यह ज्ञान होता है । स्वर्ग में ये देव है, ये देवियाँ हैं, यह हमारे तप का फल है आदि भव-संबंधी ज्ञान देवों को इसी से उत्पन्न होता है । महापुराण 5.267-271